मोहला मानपुर विधायक इंद्रशाह मांडवी ने कहा प्रकृति के संरक्षण, संस्कृति व परंपरा का संवर्धन ही आदिवासी समाज के सेवा का मूल है

जिला मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी

अंबागढ़ चौकी: जिला मुख्यालय मोहला के दशहरा मैदान में शनिवार को धूमधाम से आदिवासी मूलनिवासी अधिकार दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मूलनिवासी समाज के प्रमुख तथा सामाजिक बंधु हजारों की संख्या में शामिल हुए। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुवात बिरसा मुंडा एवं लाल श्याम शाह महाराज के पूजा अर्चना के साथ किया गया। आदिवासी दिवस के अवसर पर रंगारंग सामूहिक नृत्य के माध्यम से आदि संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित विधायक इंद्रशाह मंडावी ने इस अवसर पर मूल निवासी दिवस की बधाई दिया। उन्होंने कहा कि आज का दिन हम सभी मूल निवासी साथियों के लिए गौरव का दिन है। आदिवासी समाज सदैव प्रकृति के साथ रह कर अपना जीवन यापन करते है तथा प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य करते है। सरकार को आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। आदिवासी मूल निवासी समाज के लिए प्रकृति का संरक्षण, पुरातन संस्कृति एवं परंपरा के संवर्धन का कार्य सेवा का मूल उद्देश्य रहा है। दुनिया के किसी भी हिस्से में आदिवासी समाज के प्रति हो रहे अत्याचार एवं शोषण को किसी भी शर्त में स्वीकार नहीं किया जाएगा। आदिवासी समाज के हितों के संरक्षण के प्रति सरकार को हमेशा सचेत एवम अडिग रहना पड़ेगा साथ ही समाज के सकारात्मक विकास के लिए हमे काम करना है। विशेषकर समाज के युवाओं को मुख्यधारा में जुड़कर सामाजिक उत्थान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। हमारी संस्कृति एवं परम्परा अनेक सीख देती है जिसे मिलकर हम सबको आगे बढ़ाना है। प्रकृति में आदिवासी समाज का स्थान बहुत ऊंचा है, समाज के युवाओं को इसमें सकारात्मक बदलाव के नजरिए से कार्य करना चाहिए। प्रकृति की संरक्षण की जिम्मेदारी में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है तभी हम प्रकृति एवं समाज के रीति नीति को बनाए रख सकते है।

गोंड समाज के संभागीय सचिव कुमार कोरेटी ने समाज में एकता को बल दिया उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की ताकत उनमें बनी एकता से है। समाज एक रहेगा तभी सरकारें समाज की मांगो को महत्व देगी। संविधान में आदिवासी समाज को महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए है किंतु सरकार उन अधिकारों को अक्षरशः पालन नहीं करती है। प्रकृति की पूजा का अधिकार तो हमे है किंतु प्रकृति का शोषण करने का कार्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है जो अनुचित हैं। जल, जंगल, जमीन की रखवाली आदिवासी समाज करता है पर उनके दोहन का अधिकार भी समाज को नहीं मिलता बल्कि सरकारों के द्वारा पूंजीपतियों को दिया जाता है। आदिवासी अधिकारों के प्रति सरकार को सही नजरिया रखना चाहिए।

*विभिन्न स्थानीय मुद्दों को लेकर राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन*
सभा में उपस्थित हजारों लोगों ने एक स्वर में सरकार से विभिन्न मांगों तथा आदिवासी अधिकारों को लेकर रैली निकाली, तहसीलदार को महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें मुख्य रूप से पेशा कानून को लागू करने तथा ईमानदारी से पालन करने का मांग किया। वन संसाधन पर ग्राम सभा को पूर्णतः अधिकार दिया जाना चाहिए। धर्मांतरण पर रोक लगे तथा एक कड़ा कानून बनाया जाय। जिले में 85 प्रतिशत आदिवासी समाज की बहुलता है जहां स्थानीय भर्ती को प्राथमिकता दिया जाय। जिले में नए उद्योग की स्थापना किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्यरूप से संभाग अध्यक्ष गोंड समाज मोहन हिड़को, अरविंद गोटे, मनने मंडावी, कोषाध्यक्ष तुलसी मरकाम, सचिव कुमार कोरेटी, ब्लॉक अध्यक्ष पदुम सिंह टोप्पा, नोहरु कुमेटी, अशोक कुमार मांझी, कमलेश नेताम, जवाहर बोगा, देव प्रसाद कड़ियामें, जग लाल कोमरे, कपिल कोमरे, दामें शाय पद्दा, कमल पुड़ो, गोपाल कोर्राम, केजू बोगा, बृजलाल कचलाम, मान साय बोगा, संतु कुंजाम, प्रेमदास मंडावी सहित आदिवासी समाज के पदाधिकारी एवं हजारों की संख्या में मूलनिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।

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