मोहला विश्व आदिवासी दिवस पर उमड़ा जनसैलाब, सर्व आदिवासी समाज ने निकाली विशाल रैली, 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा

जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी।

विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2025 को जिला मुख्यालय मोहला के गोंडवाना भवन में भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के सर्व आदिवासी समाज के छह से सात हजार लोग शामिल हुए। लोग अपने विशिष्ट परिधानों और सांस्कृतिक वेशभूषा में पहुंचे और UNO द्वारा प्रस्तावित विश्व आदिवासी दिवस की महत्वता को समझा।

 

पूर्वजों की पूजा-अर्चना के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद गोंडवाना भवन से विशाल रैली निकाली गई, जो बस स्टैंड में पहुंचकर लाल श्याम शाह महाराज की पूजा-अर्चना के बाद फौव्वारा चौक होते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। इस दौरान लोग आदिवासी पारंपरिक नृत्य करते हुए और गाना-बजाना करते हुए आगे बढ़े। रैली में अवैध धर्मांतरण बंद करो, स्थानीय भर्ती करनी होगी, भ्रष्टाचार बंद करो, पेसा कानून लागू करो, फर्जी जाति प्रमाण पत्र रद्द करो, फर्जी नौकरी करने वालों को वापस भगाओ, सामुदायिक वन संसाधन पत्रक देना होगा जैसे नारे गूंजते रहे।

 

कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर समाज के प्रतिनिधियों ने 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और चेतावनी दी कि यदि 15 अगस्त तक सामुदायिक वन अधिकार पत्रक नहीं दिया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। रैली और ज्ञापन के उपरांत पुनः कार्यक्रम स्थल गोंडवाना भवन में मंचीय कार्यक्रम और उद्बोधन हुए।

 

मुख्य वक्तव्य और मुद्दे

 

राजा लाल लक्ष्मेंद्र शाह (पानाबरस) ने अवैध धर्मांतरण और स्थानीय भर्ती में युवाओं की भागीदारी जैसे गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखी।

 

जिला अध्यक्ष संजीत ठाकुर ने बताया कि UNO द्वारा घोषित 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस 2006 से सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले मनाया जा रहा है और इस मंच के माध्यम से प्रशासन को क्षेत्र के मुद्दे और आदिवासी अधिकारों से संबंधित समस्याएं बताई जाती रही हैं।

 

उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन जिले में सही तरीके से नहीं हो रहा। पहले प्रशासन ने 22 सामुदायिक वन अधिकार पत्रक में से 6 पत्रक दिए थे, लेकिन बाद में वापस ले लिए, जबकि 22 गांवों के प्रस्ताव DLC में लंबित हैं।

 

क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं रुकी हुई हैं और विकास कार्य प्रभावित हैं।

 

 

जिला पंचायत सदस्य नरसिंह भंडारी ने कहा कि यह कार्यक्रम आदिवासियों के लिए ऐतिहासिक है, जो अपनी संस्कृति को बचाने और आने वाली पीढ़ियों को बताने में अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से नौ लोगों की फर्जी नियुक्ति की जांच की मांग भी राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कलेक्टर के नाम से की गई है।

 

सम्मान समारोह

कार्यक्रम के दौरान आदिवासी समाज के विभिन्न छात्र-छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मंच के माध्यम से सम्मानित भी किया गया, जिससे कार्यक्रम का उत्साह और बढ़ गया।

 

11 सूत्रीय प्रमुख मांगें

 

1. वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत CFRR और IFR लंबित दावों पर त्वरित कार्रवाई।

 

 

2. जिले में जारी फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जांच और दोषियों पर कार्यवाही।

 

 

3. फर्जी नियुक्तियों के मामलों में उच्चस्तरीय जांच।

 

 

4. स्थानीय भर्ती में युवाओं को प्राथमिकता और आरक्षण रोस्टर का सही पालन।

 

 

5. ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता।

 

 

6. जिले में युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र की स्थापना।

 

 

7. पेसा कानून 2022 का पालन।

 

 

8. आदिवासी छात्रावासों में आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति।

 

 

9. शहीद नेता-संविधान निर्माता संघराज परगनिया के नाम पर शिक्षक नियुक्ति।

 

 

10. जिला क्षेत्र के छात्रावासों की व्यवस्था में सुधार।

 

 

11. आवासीय विद्यालयों में आवश्यक संसाधनों की पूर्ति।

 

 

 

सर्व आदिवासी समाज ने मांगों पर तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा जताते हुए कहा कि यदि प्रशासन उदासीन रहा तो आने वाले समय में आंदोलन तेज किया जाएगा।

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