मोहला मानपुर विधायक इंद्रशाह मांडवी ने कहा भाजपा शासन का सुशासन तिहार असल में शिकायत तिहार साबित हो रहा

मोहला मानपुर विधायक इंद्रशाह मांडवी ने कहा भाजपा शासन का सुशासन तिहार असल में शिकायत तिहार साबित हो रहा

 

अंबागढ़ चौकी: भाजपा के विष्णुदेव साय सरकार के द्वारा चलाया जा रहा सुशासन तिहार असल में शिकायत तिहार के रूप में उभर कर सामने आया है। लोगों का असंतोष इस सरकार के विरुद्ध खुलकर सामने आ रहा है। बेरोजगार युवक सीधे तौर पर प्रदेश के वित्त मंत्री को ही हटाने के लिए गुहार लगा रहे है। और भाजपा सरकार स्वयंमेव अपनी पीठ थपथपा कर सुशासन का राग अलाप रही है।

 

वहीं लोग सुशासन के इंतजार में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रहे है। लोगों के वन पट्टा, नामांतरण, सीमांकन के कार्य नहीं हो रहे है। थानों में आदिवासियों को कानून का डर दिखाकर धमकाया जा रहा हुआ। कानून के डर दिखाकर राशि उगाही किया जा रहा है, क्या यही सुशासन है। उक्त बातें मोहला-मानपुर विधायक इंद्रशाह मंडावी ने प्रेस जारी कर भाजपा शासन पर सीधे आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोगों को पता है कि भाजपा शासनकाल में कभी सुशासन आ ही नहीं सकता है और ना ही समस्याओं का निराकरण हो सकता है इसलिए ग्रामीण इस तिहार का मजा भी ले रहे है और मनचाहा शादी करवाने, बाइक दिलवाने जैसे मांग कर शासन प्रशासन को आंख दिखा रहे है।

 

ज्ञात हो कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने 9 से 11 अप्रैल तक प्रदेश में सुशासन तिहार मनाया है जिसमें ग्रामीणों से पंचायत स्तर पर समाधान पेटी के माध्यम से लोगों के सुगम कार्यों हेतु एक मंच तैयार किया हैं। जहां ग्रामीण अपनी समस्या लेकर समाधान पेटी में डाल रहे है। विधायक ने आगे कहा कि प्रदेश के हर विभाग में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है जो विष्णुदेव सरकार के असली सुशासन को दर्शा रहा है।

 

*पंचायत सचिव हड़ताल पर, गांव की मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भटक रहे ग्रामीण*

विधायक ने कहा कि चुनाव के दौरान मोदी की गारंटी के नाम से पहले तो सचिवों को गुमराह किया गया और जब सचिव हक मांगने लगे तो उनकी बातों को नहीं सुनी जा रही है। महीने भर बीतने को है सचिव संघ हड़ताल पर उतारू है जिससे पंचायतों में अघोषित ताला लगा हुआ है जिससे गांव की छोटी-छोटी समस्या बड़ा रूप लेते जा रहा है। गर्मी के मौसम में जहां पानी की किल्लत आम बात है वहीं सचिवों के हड़ताल से सरपंच प्रभार नहीं लिए है तो पानी की समस्या विकराल रूप ले लिया है। स्थानीय स्वशासन अपने स्तर पर इसकी बेहतर प्रबंधन करता है परन्तु यहां भाजपा शासन नहीं चाहती कि लोगों को मूलभूत आवश्यकताओं की सुलभ उपलब्धता हो। बच्चों के आय-जाति प्रमाणपत्र के काम अटक रहे है। निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे है। सरकार का वित्तीय प्रबंधन पर नियंत्रण ही नहीं है।

 

*सरकार के पास शिक्षक भर्ती का कोई उपाय नहीं है, जो शिक्षक थे उन्हें निकालकर परेशान कर रही*

मौजूदा सरकार के पास लोगों के लिए कोई विजन नहीं है, शिक्षकों के हजारों भर्ती बाकी है परन्तु सरकार भरती की दिशा में कोई कार्य नहीं कर रही है वहीं जो शिक्षक कार्यरत थे उन्हें निकालकर परेशान किया जा रहा है। प्रदेश के युवा दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है। ना ही नई नौकरी ईजाद कर रहे है और जो नौकरी में है उन्हें भी परेशान किया जा रहा है। यहां सत्ता भाजपा के बजाय केवल आरएसएस चला रही है।

 

*वन अधिकार पट्टा के लिए आदिवासियों को भटकना पड़ रहा है*

शासन अपने सुशासन तिहार के मद में जहां मस्त है वहीं क्षेत्र के आदिवासी साथी वनाधिकार पट्टा के लिए राजस्व कार्यालय के चक्कर लगा रहे है। अनावश्यक उनकी फाइल रोकरकर रखी गई है जबकि अदानी और अंबानी को यहां खनन के लिए आसानी से जमीन उपलब्ध कराई जा रही है।

 

*जिले के शीर्ष अधिकारियों के नियंत्रण से बाहर है नवीन जिला, भाजपा संगठन के इशारों पर हो रहा संचालन*

जिले में प्रशासनिक अफसर केवल मूकदर्शक बनकर रह गए है। हमारा शांत जिला शीर्ष अधिकारियों के नियंत्रण से बाहर भाजपा संगठन के इशारों पर कार्य हो रहे है। आम लोगों के कार्य होने के बजाय भाजपा के लोगों के इशारों पर प्रशासन कार्य कर रही है। नवीन जिला का सपना इसलिए नहीं देखा गया था कि यहां लोगों का शोषण हो और किसी पार्टी विशेष के नेता अपना शासन चलाए। अधिकारी कर्मचारी कठपुतली बने हुए है।

 

*थानों में कानून का भय दिखाकर आदिवासी लोगों को ठग रही पुलिस प्रशासन, थानों में बढ़ रहे अपराध*

मोहला-मानपुर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्रशासन लोगों के हित के कार्य नहीं कर रही है बल्कि भोले भाले आदिवासी भाईयों को कानून का भय दिखा रही है। भाजपा शासन में क्षेत्र अवैध शराब का गढ़ बना हुआ है यहां पुलिस की सह पर शराब पान ठेलों में बेची जा रही है और वहीं आदिवासियों के द्वारा सांस्कृतिक कार्य छट्टी, मृत्यु संस्कार, विवाह संस्कार के लिए कम मात्रा में बनाए जा रहे महुआ शराब के नाम पर पुलिस गंदगर्दी पर उतारू हो गई है। लोगों को 1-2 लीटर शराब को पकड़कर पुलिस पहले उन्हें कानून का डर दिखाती है तथा उनसे हजारों रुपए उगाही करती है उसके बाद उन्हें न्यायालय के चक्कर भी लगवा रही है। क्या यही विष्णुदेव सरकार का सुशासन है। जिले में लगातार अपराध बढ़ रहे है जिसमें पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है। जिले में चोरी, हत्या, आत्महत्या, एक्सीडेंट के अपराध दिनों दिन बढ़ते जा रहे है।

 

*सुशासन तिहार के बजाय लोगों को रोजगार देने एवं मूलभूत सुविधाएं के विस्तार पर सोचे सरकार*

विधायक मंडावी ने आगे कहा कि सरकार को सुशासन तिहार के बजाय लोगों को रोजगार देने पर सोचना चाहिए। रोजगार गारंटी के कार्य बंद है, इस सरकार ने रोजगार गारंटी के तहत कांग्रेस सरकार द्वारा दिए जा रहे मानव दिवस को भी कम कर दिया है। सरकार लोगों को रोजगार दे पाती वही असली सुशासन होता। मूलभूत सुविधाएं का टोटा लगा हुआ है, पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जलजीवन मिशन के तहत जारी कार्य वित्तीय कुप्रबंधन के जाल में फंस चुका है। सरकार के पास राशि ही उपलब्ध नहीं है जिससे ओ जलजीवन मिशन का संचालन सुचारू रूप से कर सके। सुशासन तिहार के केवल एक ढकोसला साबित हो रहा है।

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